फिर हुए उपेक्षा के शिकार महात्मा”बुद्ध “को एक फूल भी नही हुई नसीब।
October 17, 2016 5:44 pm
सिद्धार्थ नगर। 30 अकतूबर 2013 को सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के शिलान्यास के अवसर पर श्री अखलेश यादव जी द्वारा कपिलवस्तु स्तिथ महात्मा बुद्ध के स्तूप पर एक फूल नही चढ़ाया गया था।वहीं आज सिद्धार्थ विश्वविद्यालय का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री अखलेश यादव जी द्वारा हुआ।उक्त बातें सिद्धार्थनगर जिला के आम आदमी पार्टी के संयोजक/अध्यक्ष इ0 सर्वेश कुमार जायसवाल ने कही।
उन्होंने कहा की जिला मुख्यालय से लेकर कपिलवस्तु तक के तमाम सड़कों पर पोस्टर बैनर लगे हुए हैं,जिनपर लाखों खर्च हुए होंगे लेकिन जिनके नाम पर विश्वविद्यालय का नाम सिद्धार्थ रखा गया उनके स्तूप को एक फूल भी नसीब नही हुआ।जहां आज भी देश विदेश के लोग बड़े श्रद्धा से प्रतिदिन मत्था टेकते है कपूर, अगरबत्ती व फूल अर्पित करते हैं।इतना ही ही नही महात्मा बुद्ध का स्तूप जहां से (राज प्रसाद)प्राप्त हुआ।वहां का बोर्ड जैसे सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के समय था।वैसा ही उदघाटन के समय भी है।बोर्ड टूटा फूटा है,एवँ उसके प्रिंट भी मिट गए हैं।इसका भी किसी ने संज्ञान नही किया,न ही विभाग द्वारा उसे ठीक ही कराया गया।वैसै सिद्धार्थ विश्वविद्यालय निर्मित हो गया है,जिसमे पठन पाठन का कार्य भी हो रहा है।लेकिन कपिलवस्तु महायोजना का कार्य वर्ष 1971-1972 के पूर्व ही चल रहा है,जिसका कोई भी प्रगति दिखाई नही दे रहा है।जिससे बुद्ध की धरती पर बुद्ध की उपेक्षा हो रही है।अब देखना यह है की जिनके नाम पर कपिलववस्तु आज विश्व पटल पर प्रदर्शित हुआ है,उसका काया कल्प कब होगा।