गरीबी ने बदल दी रस्म, लकड़ी नहीं मिला तो करना पड़ा दफन
October 17, 2016 4:52 pm
बस्ती. सूबे की अखिलेश सरकार यूपी चुनाव को लेकर आज हर जगह अपने प्रचार-प्रसार में जुटी हुई है। वहीं बड़ी से बड़ी रैलियां निकाली जा रही है तो अखिलेश सरकार विकास को लेकर जनता के बीच बड़े-बड़े दावे करते नजर आ रहे हैं। लेकिन इन चार सालों में सपा सरकार की हकीकत बस्ती जिले की एक रिपोर्ट खोल रही है जहां एक गरीब परिवार का बेटा उन्हीं के राज में इलाज न करा पाने के अभाव में दम तोड़ दिया। कारण यह था की उसके पास दवा खरीदने को पैसे नहीं थे। परिवार की दुश्वारियां अभी यहीं खत्म नहीं हुई मौत के बाद भी अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी के लिए तरसता रहा। मजबूर परिजन को उसे दफन करना पड़ा। अगर यह परिवार समय रहते इलाज करा लिया होता तो इस पीड़ित की जान बच जाती। परिजनों का आरोप है कि स्थानीय स्वास्थ्य टीम मौके पर पहुंचकर पीड़ित को ओआरएस और कुछ दवाएं दी। जिसे खाने के बाद ही पीड़ित की मृत्यु हो गई।
गौर थाना क्षेत्र के कैथोलिया गांव में रहने वाले गरीब परिवार के रामभुआल का डायरिया से मौत हो गया। आज इस परिवार के पास भी पैसे होते तो इसकी जान बच जाती। परिजन रामभुआल को इसलिए अस्पताल नहीं ले गए कि अगर अस्पताल में जांच और बाहर की दवा लिखी जाएगी तो कहां से खरीदेंगे। गांव में आस-पास के लोगों से दवाएं मांगकर एक दो दिन काम तो चलाए लेकिन हालत खराब होने लगी। आखिरकार गरीबी का दंश झेल रहे रामभुआल ने दम तोड़ दिया।
मरने के बाद भी मृतक का अंतिम संस्कार करने को परिवार मजबूर है। उनके पास पैसे नहीं हैं कि वे लकड़ी खरीद सके। गरीबी से लाचार परिवार को मजबूर होकर शव को दफन करना पड़ा।
परिवार में बडे़ भाई भरत राम व भाभी किरन के अलावा और कोई नहीं है। भाई रामभुआल को गांव के मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खिलाते रहे लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। दो दिन से बीमार रहने के बाद रामभुआल के घर स्थानीय स्वास्थ्य टीम मौके पर पहुंची। उसकी हालत देखी और ओआरएस का पैकेट तथा कुछ दवाएं दीं। परिजनों का कहना है कि दवा खाने के दो घंटे बाद ही अचानक उसको उल्टी हुई और चल बसा। सवाल उठता है कि स्वास्थ्य टीम को उसकी स्थिति की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा और उसे अस्पताल में भर्ती कराने की भी पहल नहीं की ।
रामभुआल की मौत के बाद दहशत, अभी भी गांव में आधा दर्जन पीड़ित
कैथोलिया में उल्टी दस्त से पीडि़त राम भुआल की मौत से पूरा गांव दहशत में है। वहीं डायरिया से आधा दर्जन से अधिक लोग पीड़ित हैं। एक मौत के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया। इस दौरान गांव की सफाई व्यवस्था की बदहाली देखी तो जिम्मेदार निशाने पर आ गए।
एक मौत के बाद हरकत में आये डिप्टी सीएमओ
डिप्टी सीएमओ ने भी माना कि अगर समय से रामभुआल को इलाज मिला होता तो उसकी जान बच जाती। कहा कि इस दौरान यदि लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव के अलावा अन्य कार्य पूरा नहीं किया गया तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। स्वास्थ्य टीम इन दिनों हर रोज गांव का दौरा करेगी। यदि कोई नया मामला सामने आता है तो तत्काल जिले को सूचना देने का निर्देश दिया गया है। किसी स्तर पर लापरवाही दिखी तो संबंधित के खिलाफ सीधी कार्रवाई की जाएगी। बताया कि गांव के अधिकांश परिवार मात्र बीस फीट नीचे का पानी पी रहे है और नल के पास ही दूषित जल स्टोर किया जा रहा है। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक है।