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सिद्धार्थनगर के नेताओं के लिए क्यों साबित हो रही है सपनों की मुम्बई ।
November 15, 2016 5:44 am
जीएच कादिर
यूपी के हर बार के चुनाव में सभी पार्टी के घोषित उम्मीदवारों को मुम्बई बहुत याद आती है । अक्सर , चुनाव पूर्व यह देखने सुनने को मिलता है कि कौन कौन मुम्बई में गया है, आ चुका है , जाने वाला है आदि । ठीक वैसा ही 2017 के यूपी चुनाव के पहले देखने को मिल रहा है कि सभी पार्टियों के घोषित उम्मीदवार अथवा टिकट की आस लगाए उम्मीदवार मुम्बई का भ्रमण कर चुके हैं या कर रहे हैं अथवा लाव लश्कर के साथ जाने वाले हैं । यहाँ हम बात सिद्धार्थनगर की कर रहे हैं , यहाँ के ज़िले भर के ,लगभग सभी नेताओं का मुम्बई मोह चरम पर है । अपने क्षेत्र के साथ मुम्बई , नासिक ,पूना,वापी वगैरह को साध रहे हैं ।
डुमरियागंज सांसद जगदम्बिका पाल के मुम्बई में कार्यक्रम आयोजित करने के, डुमरियागंज की सैयदा मलिक , सच्चिदानन्द पाण्डेय ,कमाल यूसुफ ,काजी सुहेल,इटवा के मो० मुकीम ,अरशद खुर्शीद ,शोहरत गढ़ के जमील सिद्दीकी , इसरार अहमद ,उग्र सेन सिंह ,बांसी से लालजी यादव आदि या तो मुम्बई जनसमर्थन के लिए जा चुके हैं , अथवा जाने वाले हैं , या कुछ लोग मुम्बई में हैं । राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सिद्धार्थनगर के नेताओं का यूंही मुम्बई प्रेम नहीं है , वहां इस जिले के बड़ी संख्या में लोग रहते हैं , जिसमें कुछ बहुत धनाढ्य है, और उनकी अपने गांव में बड़ी पकड़ भी है इसी का समर्थन हासिल करना नेताओं की मजबूरी भी है
जिले के बड़ी संख्या में नौजवान ग्लैमर और बेहतर ज़िन्दगी के लिए मुम्बई की कठिन यातायात सुविधाओं के बीच सिद्धार्थनगर के विकास का भी सपना देखने लगते हैं , उन्हीं सपनों के बीच यहाँ के नेताओं का वहाँ खूब स्वागत होता है, और एक बड़े वोट बैंक को नेताओं का साधने का मौका भी ।