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फालिज जैसे गंभीर रोगों में काफी फायदेमंद है फीजियोथेरेपी : डॉ अवनीश वर्मा

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Prabhav India

डुमरियागंज-सिद्धार्थनगर ।
लकवा जैसी बीमारी के बारे में सिद्धार्थनगर के प्रसिद्ध फिजियोथेरीपिस्ट डॉक्टर अवनीश वर्मा ने अहम जानकारी देते हुए बताया कि फालिज(लकवा) के संबंध में फिजियोथेरेपी को अहम माना जाता है। लकवा मरीजों के लिए फिजियोथेरेपी रामबाण इलाज साबित हो रही है। फिजियोथेरेपी के डॉक्टरों का कहना है कि अगर नियमित लकवा मरीज को फिजियोथेरेपी से इलाज किया जाए तो, बेकार हो चुके अंग फिर से काम करने लगते हैं।
लकवा की बीमारी किसी को भी हो सकती है,कई बार लकवा की बीमारी स्ट्रोक की वजह से होती है। वैसे देखा जाए तो लकवा किसी विशेष अंग को मारता है, लेकिन उसका संबंध दिमाग की नसों से ही होता है।ब्रेन स्ट्रोक के बाद किसी एक अंग काम न करना भी लकवा होता है। कई बार लोगों को किसी सदमें के कारण भी लकवा मार देता है। लकवा का इलाज एक लंबी प्रक्रिया है।हाल के वर्षों में लकवा मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टर इस बारे में बताते हैं कि पहले लकवा बुढ़ापे की बीमारी मानी जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। लकवा किसी को भी मार सकता है।हार्ट अटैक,ब्रेन स्ट्रोक,हार्ट फेलियर की तरह लकवा भी कम उम्र में भी लोगों को अपनी जद में ले सकता है। अगर आप की जीवनशैली सक्रिय नहीं है तो लकवा मारने की संभावना आप में ज्यादा है।शरीर में विटामिन, पोषक तत्वों की कमी भी लकवा की संभावना को बढ़ा देता है। लकवा से बचने के लिए इंसान को नियमित व्यायाम और सही खान-पान पर ध्यान देना चाहिए।
लकवा मरीज के साथ कुछ सावधानियां करनी चाहिए।जैसा की लोग समझते हैं कि लकवा के मरीज तेल मालिश से ठीक किया जा सकता है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। डॉक्टर इस बारे में मानते हैं, कि लकवा के मरीज को तेल मालिश से बचना चाहिए।

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