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Prabhav India : सिद्धार्थनगर के कांग्रेसियों को एक ही घर में मिले दो महासचिव ! मजबूरी या ज़रूरी? पढ़ें-पूरी खबर
September 3, 2020 3:36 pm
जीएच कादिर
सिद्धार्थनगर । इसे ज़िला कांग्रेस में प्रतिभावान नेताओं का अकाल समझा जाये या भाई-भतीजावाद । बात ही कुछ ऐसी है । ज़िले में कांग्रेस की मुख्य बॉडी में पिता महासचिव पद पर और बेटा यूथ कांग्रेस का जिला महासचिव । यह बात दीगर है कि कांग्रेसियों को इनकी कौन सी खूबी नज़र आई कि एक ही घर में दो महत्वपूर्ण पद दे दिए गए हैं ।
सिद्धार्थनगर ज़िले में काँग्रेस पार्टी ने पिछले दिनों ज़िलों के पदाधिकारियों की जो लिस्ट जारी की उसमे एक नेता ऐसे हैं जो मुम्बई में ज़्यादा और ज़िले में कम सक्रिय दिखाई देते हैं , उन्हें महासचिव जैसा महत्वपूर्ण पद दे दिया गया है । दूसरी तरफ ज़िले के यूथ कांग्रेस के महासचिव पद पर जिन्हें सुशोभित किया गया है वह मेन बॉडी के महासचिव के सुपुत्र हैं । हालांकि यह कहा जा सकता है कि पिता की अपेक्षा पुत्र ज़िले की राजनीति में ज़्यादा सक्रिय है । ज़िले की राजनीति में काँग्रेस की सियासी स्टाइल पर नज़र रखने वाले जानकारों का कहना है कि काँग्रेस की यही रणनीति उसे गर्त में धकेल रही है । भला कोई इसे दूरदर्शिता कैसे कहेगा कि पिता एक बॉडी में महासचिव है तो दूसरी बॉडी में बेटा महासचिव पद पर है ।
राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि ज़िले के काँग्रेस के बड़े नेताओं को यह सोचना चाहिए कि एक ही घर के दो लोग किसी पार्टी को जनाधार बढ़ाने में कैसे सहायक होंगे ? बताया जाता है कि ज़िला काँग्रेस में इस बात की चर्चा है कि फुल टाइम सियासत करने वाले मेहनती युवकों को भी मौका मिलना चाहिए , जिससे काँग्रेस के जनाधार बढ़ाने में मदद मिले । ग़ौरतलब है कि मौलाना हमीदुल्लाह चौधरी कांग्रेस ज़िला महासचिव हैं और उनके बेटे जावेद चौधरी ज़िला यूथ काँग्रेस महासचिव हैं । इस बारे में जिलाध्यक्ष क़ाज़ी सुहैल का कहना है कि सभी पदाधिकारी पार्टी हित में मेहनत से कार्य कर रहे हैं ।