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Prabhav India | कोरोना को लेकर होमियोपैथी चिकित्सक डॉ भाष्कर शर्मा से जीएच कादिर की विशेष बातचीत, पढ़ें ।
May 13, 2020 4:47 am
जीएच कादिर
कोरोना वायरस को लेकर जहां दुनिया भर में खौफ है. जैसे-जैसे कोरोना दुनियाभर में फैलता जा रहा है, वैसे-वैसे इसको लेकर तमाम तरह के भय और भ्रांतियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रही हैं। इसमें से कुछ सच हैं तो कुछ कोरे अफवाह। हालात यह है कि जितने मुंह, उतनी बातें। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के इस दौर में ये सब तेजी से फैल रहे हैं, जो इस महामारी के बीच फैले हुए डर, अनिश्चितता और उहापोह की स्थिति को और बढ़ा रहे हैं।
आम आदमी कोरोना वायरस को लेकर जुड़ी बातों को आसान शब्दों में जानना चाहता है. इसी मकसद से समाचार पत्र ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित सैकड़ों विश्व रिकॉर्ड धारी व सैकड़ों पुस्तकों के लेखक प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा के साथ खास बातचीत की. कोरोना वायरस को लेकर सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों को हमने डॉ शर्मा के सामने उठाया.
सवाल 1- क्या कोरोना वायरस का मतलब मौत है?
डॉ भास्कर शर्मा- ये आंशिक तौर पर सच है. हां, अभी तक इसका कोई इलाज सामने नहीं आया है लेकिन जिसका नोबल कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव टेस्ट आया है, उसकी मौत ही होगी, ये कहना भी सही नहीं है. अभी तक के आंकड़े बताते हैं मृत्यु दर 1.5 से 2% है. इसका ट्रीटमेंट कोई निश्चित नहीं है. वो बस सपोर्टिव है. अभी तक इसके लिए कोई विशिष्ट एंटीडोट, एंटीवायरल या वैक्सीन नहीं बना है. लेकिन जिन्हें सही वक्त पर सपोर्टिव केयर मिल जाता है. उनकी रिकवरी भी देखी गई है.
सवाल -कोरोना वायरस का टेस्ट कैसे किया जाता है?
डॉक्टर भास्कर शर्मा कोविड -19 (नोबेल रोना वायरस) के टेस्ट में किसी प्रकार का ब्लड टेस्ट नहीं होता है। कोविड-19 टेस्ट में गले की खराश या फिर नाक की एक स्वैब के जरिए जांच की जाती है। सैंपल लेने के बाद, नोडल अस्पतालों में तैनात डॉक्टर जांच करते हैं कि क्या व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं? नहीं तो आपको घर पर ही आइसोलेट रहने के लिए कहा जा सकता है। यदि टेस्ट पॉजिटिव आते हैं, तो ठीक होने तक संक्रमित व्यक्ति को कम से कम 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन यानी एकांत में रहने की आवश्यकता हो सकती है।
सवाल- क्या एल्कोहल मिले पानी (सैनीटाइजर) से कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ा जा सकता है?
डॉक्टर भास्कर शर्मा जी हाँ! लेकिन उस सैनीटाइजर में एल्कोहल की मात्रा 65 पर्सेंट से ज़्यादा होनी चाहिये तभी यह उस पर चढ़ी सुरक्षा-परत को पिघला सकता है, वरना नहींl
सवाल- किस तरह का माहौल कोरोना वायरस के लिये फायदेमंद है और किस तरह के माहौल में वो जल्दी विघटित होता है?
डॉक्टर भास्कर शर्मा कोरोना वायरस क़ुदरती ठण्डक ए.सी. की ठण्डक में मज़बूत होता है। इसी तरह अंधेरे और नमी (Moisture) वाली जगह पर भी ज़्यादा देर तक बाक़ी रहता है। यानी इन जगहों पर जल्दी विघटित नहीं होता। *सूखा, गर्म और रोशनी वाला माहौल कोरोना वायरस के जल्दी ख़ात्मे में मददगार है।* इसलिये जब तक इसका प्रकोप है तब एसी या एयर कूलर का इस्तेमाल न करें।
सवाल -कोरोना को लेकर एक बात यह भी कही जा रही है कि यह बुजुर्गों और बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है?
डॉक्टर भास्कर शर्मा ऐसा नहीं है, कोरोना सभी उम्र के लोगों के लिए उतना ही खतरनाक है, जितना बच्चों और बुजुर्गों के लिए, हालांकि बच्चों और बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता युवाओं से कम होती है, इसलिए उन पर इसका असर अधिक देखा जा रहा है। यही कारण है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या में बुजुर्गों की संख्या अधिक हैlबुजुर्गों-बच्चों के अलावा कोरोना रोगियों खासकर अस्थमा मरीजों के लिए कोरोना अधिक खतरनाक है। इसलिए उन्हें अधिक एहतियात बरतने की जरूरत होती है।
सवाल-सूरज की तेज़ धूप का कोरोना वायरस पर क्या असर पड़ता है?
डॉक्टर भास्कर शर्मा-सूरज की धूप में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें कोरोना वायरस को तेज़ी से विघटित कर देती है यानी तोड़ देती है क्योंकि सूरज की तेज़ धूप में उसकी सुरक्षा-परत पिघल जाती है। इसीलिये चेहरे पर लगाए जाने वाले फेसमास्क या रुमाल को अच्छे डिटर्जेंट से धोने और तेज़ धूप में सुखाने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
सवाल-क्या हमारी चमड़ी (त्वचा) से कोरोना वायरस शरीर में जा सकता है?
डॉक्टर भास्कर शर्मा बिल्कुल नहीं! तंदुरुस्त त्वचा से कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता। अगर त्वचा पर कहीं कट लगा है या घाव है तो इसके संक्रमण की संभावना है।
सवाल -क्या एक मजबूत इम्यून सिस्टम आपको कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा सकता है?
डॉ भास्कर शर्मा का कहना है कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि किसी व्यक्ति की इम्युनिटी पॉवर कितनी मजबूत या कमजोर है। जिन दो प्रमुख वर्ग के लोगों में इसके संक्रमण की आशंका ज्यादा है वे या तो बुजुर्ग हैं या अंडरलाइंग मेडिकल कंडिशन ( underlying medical conditions – डायबिटीज, हार्ट डिसीज, फेफड़ों की बीमारी आदि) वाले हैं। जो लोग बुजुर्ग हैं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले हैं, उन्हें COVID-19 के संक्रमण से लड़ने में परेशानी होगी। जिन लोगों में पहले से ही एक अंडरलाइंग मेडिकल कंडिशन जैसे हार्ट डिसीज, डायबिटीज, या से पीड़ित लोगों में गंभीर लक्षण पैदा करने वाले संक्रमण का खतरा अधिक है। इन अंडरलाइंग मेडिकल कंडिशन वाले लोगों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली नहीं होती है, जिसके कारण यह संक्रमण से नहीं लड़ सकते हैं। हालांकि, आपको युवा और स्वस्थ होने पर भी आपको सभी जरूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
सवाल – क्या भारत में लोगों को मास्क पहनने चाहिए?
डॉ भास्कर शर्मा- साक्ष्य बताते हैं कि मास्क पहनने से अतिरिक्त कोई लाभ नहीं होता. अगर आप मरीज के साथ हैं, या किसी मरीज को ट्रांसफर कर रहे हैं या ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं जिसमें लक्षण दिख रहे हैं तो आपको अवश्य मास्क पहनने चाहिए. सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहन कर घूमने से आपको कोई अतिरिक्त लाभ नहीं होगा. एयरपोर्ट जैसी जगह पर जहां दूसरे देशों से बहुत सारे यात्री आ रहे हैं, वहां ये पता लगाना मुश्किल होता है कि किसे इंफेक्शन है. ऐसे में अगर आप एयरपोर्ट पर खुद को भीड़ से दूर रखने की स्थिति में नहीं है तो मास्क पहनने का औचित्य है.
सवाल – आम आदमी को क्या बुनियादी सावधानियां बरतनी चाहिए?
डॉ भास्कर शर्मा- सबसे अहम है एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमण रोका जाए. इसका मतलब है कि जितनी ज्यादा बार आप अपने हाथ धोएंगे, उतना ही इस चक्र (साइकल) को तोड़ने में मदद मिलेगी. अल्कोहल आधारित हैंड-रब को हमेशा तैयार रखना चाहिए और इस्तेमाल करना चाहिए.
सवाल – खांसी और छींक से भी संक्रमण एक अन्य मुद्दा है?
डॉ भास्कर शर्मा- इसके लिए बेहतर हाइजिन (साफ-सफाई) का ध्यान रखना जरूरी है.
सवाल -कोरोना से बचने के उपाय क्या उपाय है
डॉक्टर भास्कर शर्मा हाथों को बार-बार साबुन से धोएं या एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंl
खांसते और छींकते वक्त टिशू का इस्तेमाल करें और इस्तेमाल करने के बाद इसे तुरंत फेंक दें।
अपने आंख, नाक और मुंह को ना छुएं। लेकिन अगर ऐसा करना जरूरी है तो छूने से पहले और छूने के बाद अपना हाथ जरूर धोएं या उसे सैनिटाइजर से साफ करें।कोशिश करें कि किसी भी सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में ना जाएं।कुछ भी खाने से पहले हाथ को अच्छे से साबुन या हैंडवाश से धुलें। धुलने का समय कम से कम 30 सेकेंड का होना चाहिए।
सवाल -इस कोरोना महामारी में होमियोपैथी की क्या भूमिका हो सकती है?
डॉक्टर भास्कर शर्मा समय-समय पर महामारी आती रही है होम्योपैथी अपना दम हमेशा दिखाया हैl होम्योपैथी सैद्धांतिक रुप से रोगी में जीवनी शक्ति को बढ़ाती है रोग से लड़ने के लिए प्रेरित करती है l आर्सेनिक 30 शक्ति होम्योपैथी औषधि दो गोली दिन में तीन बार लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है lइसके अलावे कैंफर 1M शक्ति दिन में दो बार लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैl
सवाल- थर्मल स्कैनर से कोरोना संक्रमण का पता चलता है
डॉक्टर भास्कर शर्मा- कोरोना संक्रमण की जांच के लिए थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन डॉ शर्मा का कहना है कि थर्मल स्कैनर शरीर का तापमान मापकर बुखार का पता लगा सकता है, कोरोना संक्रमित व्यक्ति का नहीं। कई बार संक्रमित को बुखार आने में 2 से 10 दिन लग जाते हैं।
सवाल -गर्म पानी से नहाने पर मर जाता है कोरोना वायरस
डॉक्टर भास्कर शर्मा- गर्म पानी से नहाने के बावजूद वायरस नहीं मरता, क्योंकि शरीर का तापमान तो 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। ऐसे में इस बात का कोई आधार नहीं है कि गर्म पानी से कोरोना मरता है।
सवाल -सोशल मीडिया पर चल रहे तमाम संदेशों के बीच लोग यह भी पूछ रहे हैं कि क्या नोट, छूने से या फोन से भी कोरोना वायरस फैल सकता है?
डॉक्टर भास्कर शर्मा के मुताबिक कोरोना वायरस कई सतहों पर घंटों तक अस्तित्व में रह सकता है।अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति फोन, दरवाजे के हैंडल, नोट जैसी किसी सतह को छूता है तो वह सतह भी संक्रमित हो जाता है। अतः यह जरूरी है कि आप अपने फोन को भी समय-समय पर साफ करते रहें, वहीं दरवाजे के हैंडल आदि सतहों के संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथ बार-बार साफ करते रहें। ठीक यही हाल नोटों का भी है, जो दिन भर में ही सैकड़ों हाथों हाथों में जाता हैl
सवाल -इस महामारी में आहार के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?
डॉक्टर भास्कर शर्मा विटामिन सी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। नींबू, आंवला, शिमला मिर्च, संतरा, पपीता जैसी चीजों को अभी डाइट में शामिल करें ताकि इम्यून सिस्टम बेहतर बना रहे। अंगूर, स्ट्रॉबेरी, डॉर्क चॉकलेट, ब्लू बेरीज का इस्तेमाल करें। उन्होंने बताया कि तुलसी बेहद गुणकारी है और रोजना सुबह-सुबह तुलसी की 7-8 पत्तियों का सेवन करने से इम्यूनिटी सिस्टम बेहतर होती है। काली मिर्ची और शहद के साथ इसका सेवन करने से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है। रोजाना रात में सोने के समय दूध में हल्दी पाउडर, काली मिर्च, लौंग और अदरक को उबाल कर पीना काफी लाभप्रद होगा। कोरोना वायरस के दौरान अधपके भोजन को नहीं खाना चाहिए। कच्चे या अधपके मीट को खाने से परहेज करें। कच्चा अंडा खाना भी खतरे से खाली नहीं है। इसके अलावा कच्ची सब्जियों का सेवन भी नहीं करें। नींबू-पानी का नियमित सेवन करें। बाजार से लाई गई हरी सब्जियों और फलों को गर्म पानी से अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग में लाएं। पीने में उबला हुआ या गर्म पानी का प्रयोग करें। ठंडा पानी पीने से बचें। प्रतिदिन उचित मात्रा में बादाम लें।