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सिद्धार्थनगर ज़िला पंचायत अध्यक्ष का वित्तीय पॉवर सीज़, त्रिस्तरीय समिति का गठन, सुजाता सिंह शामिल
March 9, 2019 8:40 am
प्रभाव इण्डिया
सिद्धार्थनगर। जिला पंचायत सदस्यों की शिकायत पर हुई जांच में जिला
पंचायत अध्यक्ष द्वारा अनियमित भुगतान व अन्य गड़बड़ियों से संबंधी
जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर शासन ने तत्काल प्रभाव से अध्यक्ष के वित्तीय
एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दिया है। पूरे प्रकरण की जांच बस्ती
मंडल के आयुक्त को सौपा है। जांच से अध्यक्ष के मुक्त होने तक वित्तीय
एवं प्रशासनिक अधिकारों के संचालन हेतु त्रिस्तरीय समिति का गठन किया है।
जिपं अध्यक्ष गरीब दास डुुमरियागंज से सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़
चुुके राम कुुमार यादव उर्फ चिनकू के करीबी हैं। शासन के इस निर्णय की
खबर आते ही भाजपाइयों व जिपं अध्यक्ष का विरोध करने वाले खेमे में खुशी
का माहौल व्याप्त हो गया है।
शुक्रवार को देरशाम उत्तर प्रदेश शासन पंचायती राज अनुभाग-2 की सचिव
प्रीति शुक्ला की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि जिला पंचायत
अध्यक्ष गरीब दास द्वारा बरती जा रही वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं
की जांच जिलाधिकारी द्वारा कराई गई। उनके द्वारा उपलब्ध कराई गई जांच
रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। लिहाजा इस मामले की अंतिम
जांच में आरोपों से मुक्त होने तक जिला पंचायत अध्यक्ष के पद की वित्तीय
एवं प्रशासनिक शक्तियों तथा कृत्यों के प्रयोग व संपादन पर रोक लगाते हुए
अंतिम जांच के लिए आयुक्त बस्ती मंडल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया
है। इतना ही नहीं जिला पंचायत अध्यक्ष के उक्त जांच में आरोपों से मुक्त
होने तक वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों के संपादन के लिए जिला पंचायत
के तीन सदस्यों की समिति का गठन किया जाता है। इनमें जिला पंचायत सदस्य
किसमाती, सुजाता सिंह व कुसुमलता शामिल हैं। शासन के इस निर्णय की भनक
लगते ही भाजपा खेमे के अलावा जिपं अध्यक्ष के विरोधियों में खुशी की लहर
दौड़ गई है। जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू ने बताया पत्र जारी होने की जानकारी
मिली है, पर अब तक उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। बताते चले कि जिला पंचायत
अध्यक्ष गरीब दास सपा नेता राम कुमार उर्फ चिनकू यादव के काफी करीबी हैं।
इनके खिलाफ बिगुल बजाने की मुुहिम लगभग एक वर्ष से चल रही है।