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युवा साहित्यकार धीरज झा को मिला साहित्य नव पुष्प सम्मान, लखनऊ में हुए सम्मानित

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जीएच कादिर

स्नेह वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार हुए सम्मानित, कवियों ने खूब समां बांधा
आज हिंदी दिवस के विशेष मौके पर स्नेह वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वाधान में वरिष्ठ साहित्यकार सम्मान व काव्यगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। इस विशेष मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया जी उपस्थित रहीं। मेयर संयुक्ता भाटिया द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रताप सिंह उर्फ दादा जी को स्नेह साहित्य शलाका पुरुष सम्मान 2018 से सम्मानित किया गया। इसी के साथ मेयर साहिबा द्वारा स्नेह साहित्य सूर्य सम्मान 2018 अजय प्रसून, स्नेह साहित्य वसुधा सम्मान 2018 शोभा दीक्षित, स्नेह साहित्य सुगंधा सम्मान 2018 मालविका ‘हरियोम’ तथा स्नेह साहित्य नव पुष्प सम्मान 2018 धीरज झा को भेंट किया गया।
मंच का संचालन कर रहे वरिष्ठ कार्टूनिस्ट, कवि व साहित्य समीक्षक हरिमोहन ‘माधव’ ने हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी और अंग्रेजी के बीच फर्क समझाने के लिए कुछ इस तरह उदाहरण देते हुए कहा कि ‘कौवा कडवा बोलता है फिर भी स्वतन्त्र है, कोयल मीठा बोलती है फिर भी स्वतंत्र है मगर तोता जो इंसान की नकल करता है वो पिंजरे में कैद रहता है। कौवा और कोयल जैसा भी बोलते हैं अपना बोलते हैं इसीलिए आजाद हैं। तो अगर आप किसी की नकल कर रहे हैं तो हमेशा गुलाम ही रहेंगे। इसीलिए हिंदी को अपनाएं। उन्होंने ने ये भी कहा कि हिंदी पर बात भले कम हो किन्तु हिंदी में बात हमेशा होती रहनी चाहिए।
हिंदी दिवस पर अपने विचार प्रकट करते हुए उदय प्रताप उर्फ़ दादा जी ने कहा कि हिंदी का दायरा इतना न बढ़ पाने का एक कारण हमारी सोच भी है। हमने हिंदी को इतना समेट लिया कि उसे किसी अन्य भाषा से घुलने मिलने ही नहीं दिया। जिस तरह आप चाहते हैं कि दक्षिण राज्यों में हिंदी का विस्तार हो उसी तरह आपको भी उन भाषाओं का सम्मान करते हुए अपने बच्चों को उन भाषाओं का ज्ञान देना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने हिंदी से जुड़ी अपनी रोचक घटनाओं का जिक्र करते हुए समारोह में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति दर्ज कराई।
इसके बाद वरिष्ठ व नव कवियों ने अपनी रचनाओं से समारोह की सुन्दरता में चार चांद लगा दिए। इस अवसर पर लखनऊ सत्योदय के सह संपादक धीरज झा ने अपनी तीन रचनाएं सुना कर श्रोताओं की खूब वाह वाही लूटी। आपको बता दें कि धीरज झा डुमरियागंज में हुए पूर्वांचल साहित्य महोत्सव 2018 में भी सम्मानित हो चुके हैं।
समारोह की अध्यक्षता की कविता लोक सृजन संस्थान के अध्यक्ष ओम नीरव ने। विशिष्ठ अतिथि के रूप में अपर निदेशक कोषागार (सेवा निवृत) नरेंद्र भूषण के साथ कवियित्री अमिता सिंह, शिला पांडेय तथा दिल्ली प्रेस समूह के वरिष्ठ संवाददाता शलेन्द्र सिंह की स्थिति महत्वपूर्ण रही।
सभी अतिथिगणों तथा वरिष्ठ साहित्यकारों ने स्नेह वेलफेयर फाउंडेशन की संस्थापक/अध्यक्ष नेहा सिंह ‘नेह’ को इस सुन्दर आयोजन के लिए बधाई व शुभकामनाएं दीं।
हिंदी दिवस पर आयोजित ये समारोह एक तरह से महिला सशक्तिकरण का प्रबल उदाहरण बना। जहां स्नेह वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष नेहा सिंह ने एक मंच पर साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकारों को इकट्ठा किया वहीं इन सभी को सम्मान भी संयुक्त भाटिया के हाथों प्राप्त हुआ तथा इसके साथ ही सम्मान पाने वाली सूची में भी दो साहित्यकार कवित्रियों के नाम का शामिल होना अपने आप में महिला सशक्तिकरण का प्रबल उदहारण होने के साथ ही हमारे लिए गौरव की बात भी है।

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