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—तो अब सपा में तीन और पाँच की रार हो गई खत्म ?
November 3, 2016 3:30 pm
जीएच कादिर
तीन नवम्बर को अखिलेश की विकास रथ यात्रा में तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और उनके सारथी प्रदेश सपा अध्यक्ष शिवपाल यादव शामिल होकर विरोधियों को संदेश दे दिया है कि परिवार में झगड़ा पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है । मुलायम सिंह यादव ने जहाँ लखनऊ के लामार्ट कालेज ग्राउंड में बने विशाल मंच से पार्टी कार्यकर्ताओं को नसीहत भी दिया और सीएम बेटे को सफलता का आशीर्वाद भी दिया , वहीं शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी की पाँच तारीख़ को होने वाली रजत जयंती को इसी तरह सफल बनाने का आह्वान किया , तदुपरान्त सीएम अखिलेश की विकास रथ यात्रा को शुभकामनाएँ भी दिया । लेकिन इस विकास रथ यात्रा में जो सबसे खास पहलुओं पर राजनीति के जानकारों ने गौर किया है, वह सपा के वर्तमान अनुशासन को लेकर है, पहला यह कि भीड़ में कार्यकर्ताओं ने मार पीट किया , कुर्सियाँ फेेकी , दूसरा पहलू यह रहा कि जिन- जिन नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने पार्टी से बर्खास्त किया था , उसमें से अधिकांश लोग मंच पर मौजूद थे । लोगों का मानना है कि अनुशासनहीनता या अन्य ऐसे ही आरोप लगाकर पार्टी से सीएम के करीबी नेताओं को निकाला गया था, बावजूद इसके वह लोग मंच की शोभा बढ़ा रहे थे । हो सकता है कि उन्हें भविष्य में इन नेताओं को पार्टी में ससम्मान वापस ले लिया जाये , लेकिन वर्तमान में वह पार्टी से बर्खास्त तो हैं । समर्थक इसे वफादारी और एकता का प्रतीक बता रहें हैं , वहीं आलोचक इसे ” किसी की मजबूरी ” की संज्ञा दे रहें हैं । वैसे , इसी मंच से धर्तीपुत्र के नाम से विख्यात रहे मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अन्याय का विरोध करो । लोग कयास जो भी लगाए जायें लेकिन , इस सफल विकास रथ यात्रा ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी में मज़बूत भी किया और समाजवादी पार्टी की तीन और पाँच की रार खत्म होने के स्पष्ट संकेत भी दे दिए हैं । आशा की जानी चाहिए कि पाँच नवम्बर को सपा का रजत जयंती समारोह भी प्रदेश की राजनीति में कोई नया आयाम लिखेगी ।