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ग्राम पंचायत पिपरगड्डी में लाखों रुपये के बंदरबाट का मामला प्रकाश में आया, डीपीआरओ ने सेक्रेटरी को जारी किया नोटिस, हड़कंप

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धीरेंद्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट

डुमरियागंज विकासखंड के ग्राम पंचायत पिपरगद्दी में लगभग 7 लाख रुपये के सरकारी धन का बंदरबांट करने का मामला प्रकाश में आया है । मामले में 3 महीने पहले नोटिस जारी नोटिस जारी की गई लेकिन अब तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है । सूत्रों की माने तो मामले की लीपापोती की जा रही है।

सरकारी योजनाओं में जिम्मेदार लोग किस तरह पलीता लगाते हैं इसका उतर उदाहरण पिपरगड्डी गाँव में देखा जा सकता है । यहां विकास कार्यों के मद में आए लगभग 7 लाख रुपये के आसपास रुपए के गबन करने का मामला प्रकाश में आया है । बताया जाता है कि गांव निवासी हरिमंगल सोनी के द्वारा समाधान दिवस में शिकायती पत्र देते हुए विकास कार्यों में ग्राम प्रधान और वहां कार्यरत सेक्रेट्री द्वारा व्यापक अनियमितता करने संबंधित शिकायत किया था । शिकायत पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत व अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के रूप में 2 सदस्यीय जांच टीम गठित की गई । जांच 22 दिसंबर 17 को हुई । जिसमें यह पाया गया कि उक्त ग्राम पंचायत में विकास कार्य में आए धन का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग किया गया है । जिसमें 6 लाख 17 हज़ार 5 सौ रुपये ग़बन किए जाने का प्रथम दृष्टया सच प्रतीत हुआ । जिसके बाद जिला पंचायत अधिकारी सिद्धार्थनगर द्वारा 10 जनवरी 2018 को ग्राम सिकरेटरी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया और यह आख्या मांगी गई कि बिना कार्यों के भुगतान क्यों किया गया ? वही डीपीआरओ अनिल सिंह का यह भी कहना है कि मामला संज्ञान में आया था जिसमें अनियमितता भी पाई गई थी सिकरेटरी को नोटिस भी जारी की गई । उन्होंने कहा कि अब तक कार्रवाई इसलिए नहीं की गई कि शिकायतकर्ता ने नोटरी देकर शिकायत नहीं की थी । अब इस मामले की तहकीकात अपने स्तर से करवाई जाएगी जो जरूरी होगा उस पर कार्रवाई होगी । वही इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है इसकी जांच करवा कर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और धन की वसूली भी होगी ।

डुमरियागंज- सिद्धार्थनगर । विकासखंड के ग्राम पंचायत पिपरगद्दी में लगभग 7 लाख रुपये के सरकारी धन का बंदरबांट करने का मामला प्रकाश में आया है । मामले में 3 महीने पहले नोटिस जारी नोटिस जारी की गई लेकिन अब तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है । सूत्रों की माने तो मामले की लीपापोती की जा रही है।

सरकारी योजनाओं में जिम्मेदार लोग किस तरह पलीता लगाते हैं इसका उतर उदाहरण पिपरगड्डी गाँव में देखा जा सकता है । यहां विकास कार्यों के मद में आए लगभग 7 लाख रुपये के आसपास रुपए के गबन करने का मामला प्रकाश में आया है । बताया जाता है कि गांव निवासी हरिमंगल सोनी के द्वारा समाधान दिवस में शिकायती पत्र देते हुए विकास कार्यों में ग्राम प्रधान और वहां कार्यरत सेक्रेट्री द्वारा व्यापक अनियमितता करने संबंधित शिकायत किया था । शिकायत पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत व अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के रूप में 2 सदस्यीय जांच टीम गठित की गई । जांच 22 दिसंबर 17 को हुई । जिसमें यह पाया गया कि उक्त ग्राम पंचायत में विकास कार्य में आए धन का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग किया गया है । जिसमें 6 लाख 17 हज़ार 5 सौ रुपये ग़बन किए जाने का प्रथम दृष्टया सच प्रतीत हुआ । जिसके बाद जिला पंचायत अधिकारी सिद्धार्थनगर द्वारा 10 जनवरी 2018 को ग्राम सिकरेटरी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया और यह आख्या मांगी गई कि बिना कार्यों के भुगतान क्यों किया गया ? वही डीपीआरओ अनिल सिंह का यह भी कहना है कि मामला संज्ञान में आया था जिसमें अनियमितता भी पाई गई थी सिकरेटरी को नोटिस भी जारी की गई । उन्होंने कहा कि अब तक कार्रवाई इसलिए नहीं की गई कि शिकायतकर्ता ने नोटरी देकर शिकायत नहीं की थी । अब इस मामले की तहकीकात अपने स्तर से करवाई जाएगी जो जरूरी होगा उस पर कार्रवाई होगी । वही इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है इसकी जांच करवा कर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और धन की वसूली भी होगी ।IMG20180316212837-600x450IMG20180316212825-600x450

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