उत्तर प्रदेशविचारशिक्षासमाजसिद्धार्थनगर
रमज़ान आज से शुरु , जानिए क्यों है इस्लाम में रमज़ान का महत्व
May 28, 2017 5:27 am

जीएच कादिर
इस्लाम में रमज़ान के महीने को काफी अहमियत दी गई है । इस महीने मं मुसलमान रोज़ा रखता है नमाज़ पढ़ता है और पूरे महीने अल्लाह की इबादत में समर्पित रहता है। इस माह में कुछ शब्द बार बार आते है, जानिए क्या है उसका महत्तव और अर्थ ।
रमज़ान
इस्लामी कैलेंडर का नौवाँ महीना होता है रमज़ान । अरबी में रमज़ान को उच्चारण के कारण रमदान कहा जाता है । क्योंकि अरबी में “ज़” का उच्चारण “द” होता है ।
रोज़ा
रमज़ान महीना चाँद के निकलने पर ही शुरु होता है , कभी कभी यह महीना 29 या 30 दिनों का होता है । इस्लाम के मानने वाले इस पूरे महीने में रोज़ा अर्थात व्रत रखता है । रोज़ा शब्द फारसी भाषा से लिया गया है । रोज़ा की दुनिया के हर देशों में टाईमिंग सूर्योदय से सूर्यास्त तक होती है , इस दौरान रोज़ेदार किसी भी चीज़ का सेवन नहीं कर सकता है । रोज़ा रखना उन मुसलमान औरत और मर्द पर वाजिब (अनिवार्य) है जो बालिग (व्यस्क) हों , लेकिन उन लोगों को शर्तोे के आधार पर छूट है जो किसी जानलेवा बीमारी से ग्रसित हों ।
सेहरी और अफ्तार
रमज़ान महीने में सेहरी और अफ्तार शब्द सुनाई देते हैं , सेहरी उसे कहते हैं जो रोज़ेदार सूर्योदय से पहले कुछ खाता है और अफ्तार उसे कहते हैं जब रोजेदार सूर्यास्त के बाद अपना रोज़ा ( उपवास ) कुछ खाकर तोड़ता है
रमज़ान का महत्व
इस्लाम के मानने वाले मानते हैं कि इस महीने मेे कुरान शरीफ नाज़िल हुआ । रमजान में नेकियों के बदले सत्तर गुना सवाब ( पुण्य ) मिलता है । इस महीने में सामूहिक इबादत को ज्यादा तरजीह दी गई है । इस महीने में मुसलमान अपने अल्लाह ( परमेश्वर ) को संतुष्ट करने के लिए इबादत करता है । कुरआन पढ़ता है गरीबों ,असहाय को दान करता है । यह पूरी तरीके से अल्लाह (ईशवर ) की इबादत का महीना है । यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि रोज़ा रखना केवल भूखे रहने का नाम नहीं है बल्कि पड़ोसियों का खयाल रखना , किसी की हसद (ईर्ष्या ) न करना , किसी को नुकसान न पहुँचाना, लालच,चोरी ,मक्कारी न करना और कोई भी ऐसे काम को न करना है जिससे समाज को तकलीफ़ पहुँचे ….यानि अल्लाह की इबादत में पूरी तरह समर्पित कर देने को रमजान के रोज़े को अहमियत दी गई है । और यह भी कि धनवान मुसलमान गरीबों को इस महीने में हर सम्भव मदद करे ताकि कोई पड़ोसी भूखा या बिना कपड़े के न सो पाए ।
( लेखक प्रभाव इंडिया से जुड़े हैं और युवा शिक्षाविद है, व्हाट्सऐप नम्बर 8173990923 )