शब-ए-बारात आज, क्या अर्थ है शब-ए-बारात का और क्यों मनाया जाता है यह त्योहार
May 11, 2017 11:00 am
प्रभाव इंडिया न्यूज़
शब-ए-बारात दो शब्दों, शब और बारात से मिलकर बना है, जहाँ “शब” का अर्थ रात होता है वहीं “बारात” का मतलब बरी होना होता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार यह रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है। मुसलमानों के लिए यह रात बेहद फज़ीलत (महिमा) की रात होती है, इस दिन विश्व के सारे मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं। वे दुआएं मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं।
मुसलमान इस दिन मृतक हो चुके परिवारीजनोे के लिए मगफेरत ( मोक्ष ) प्राप्ति की दुआएँ करते हैं । कब्रिस्तानोे में रोशनी करते हैं ।