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डंके की चोट पर : बेवाँ सरकारी अस्पताल परिसर बना वाहन अड्डा, विभागीय मिलीभगत का आरोप
December 22, 2016 2:03 am
जीएच कादिर
सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज के सरकारी अस्पताल का मामला
डुमरियागंज ( सिद्धार्थनगर ) स्थानीय तहसील के बेवां चौराहा पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निजी वाहनों का पार्किंग अड्डा बन गया है । कारण यह है कि निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों के यहाँ आने वाले मरीज और तीमारदारों की चारपहिया-दोपहिया वाहन अस्पताल परिसर में ही खड़े किए जा रहे हैं ।
स्थानीय तहसील का सरकारी अस्पताल बेवां में चल रहा है, जहाँ चार स्पेशलिस्ट डाॅक्टर तैनात हैं । यहाँ क्षेत्र की आम जनता अपने इलाज के लिए आती है, लेकिन इधर कुछ वर्षों से अस्पताल गेट के मुख्य द्वार से सटे आधा दर्जन से अधिक प्राईवेट और सरकारी चिकित्सक निजी प्रैक्टिस कर रहें हैं । स्वास्थ्य विभाग की शह पर निजी प्रैक्टिस करनेवाले डाॅक्टरों के यहाँ इलाज कराने वाले और उनके तीमारदार चारपहिया वाहनों को लाकर खड़ी कर देते हैं , बताया जाता है कि निजी प्रैक्टिस करने वाले डाॅक्टरों की गाड़ियां भी खड़ी की जाती हैं । नतीजा यह होता है कि आम गरीब जनता को अस्पताल परिसर में घुसने में काफी तकलीफें उठानी पड़ रही है ।
आम लोगो में चर्चा है कि विभागीय मिलीभगत से यह अव्यवस्था फैलाई जा रही है । क्योंकि सरकारी और प्राइवेट डाॅक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने से कई लोगों की जेबें भरने का सवाल है, वरना ऐसी व्यवस्था को जानबूझकर बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है ? समाज सेवी काजी शहंशाह और रज्जन रिज़वी का कहना है कि अस्पताल परिसर को तत्काल साफ करवाया जाये । उसे वाहनों का अड्डा बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए । और निजी प्रैक्टिस करने वालों की आकस्मिक जाँच कर आवश्यक कार्रवाई हो । इस बारे में अधीक्षक डा० एन के गुप्ता से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्विच आॅफ था ।