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कांग्रेस : गठबन्धन की हाँ और ना में कार्यकर्ताओं का जोश हुआ ठण्डा
December 11, 2016 4:31 pm
जीएच कादिर
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुरुआती तैयारियों में अन्य पार्टियों में खलबली मचा दी थी । राहुल की रैम्प , खाट सभा , राहुल सन्देश यात्रा आदि ने प्रदेश में काँग्रेस को चर्चा में ला दिया था, और कांग्रेस नेताओं ,कार्यकर्ताओं में काफी जोश भर दिया था , बड़ी मेहनत और प्रतिस्पर्धा से कांग्रेस के भावी प्रत्याशी कार्यकर्ताओं के साथ जन जन ,पगडंंडियों के बीच पहुँच रहे थे । लेकिन इधर कुछ दिनों से काँग्रेस के सपा एवं अन्य पार्टियों की गठबंधन की सुगबुगाहट को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और भावी प्रत्याशियों के मनोबल को तोड़ कर रख दिया है ।
कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बड़ी मेहनत और लगन से पार्टी को इस स्तर तक पहुँचाया गया था कि अन्य पार्टियों की लाइन में कांग्रेस भी खड़ी हो गई थी परन्तु पीके फैक्टर में गठबंधन को लेकर चर्चा हो रही है जो न 2017 के विधान सभा में फिट है और न ही 2019 के संसदीय चुनाव में कांग्रेस के लिए हितकारी होगा । राजनीति के जानकार भी यही मानते है कि काँग्रेस को गठबंधन में सम्मान जनक सीटें मिलें तभी बेहतर होगा अन्यथा गिनती की सीटों के लिए गठबंधन कांग्रेस के लिए हितकारी नहीं होगा ।
बहुत से सियासी गुणा भाग के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस को बिना गठबंधन के ही चुनाव में उतरना चाहिए । उनके मेहनती कार्यकर्ता और नेता गठबंधन की अपेक्षा बिना गठबंधन के कांग्रेस पार्टी के लिए बेहतर परिणाम दे सकते हैं । जो आज और कल दोनों के लिए कांग्रेस के लिए सुखद रहेगा । फिलहाल , गठबंधन की हां और न के बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश पूरी तरह ठंडा हो चुका है । क्योंकि भावी प्रत्याशी धन और श्रम को दिशाहीन उद्देश्यों के लिए खर्च करने से बचे रहना चाहते हैं , जब तक कि कोई स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आती है ।