विचार
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त्योहारों को भारतीयता का प्रतीक बनाना होगा
अंतिम अपडेट: October 27, 2016 6:39 am
काज़ी इमरान लतीफ़ जैसा की हम सब जानते हैं कि हम भारतीय बहुत ही उत्सवधर्मी प्रवृत्ति के होते हैं और उत्सव और त्योहार भारतीय संस्कृति की युगों पुरानी परंपरा है, दीपावली इसका सबसे उत्कृष्ट उदाहरण। जीवन में मिल-जुलकर आनंद पाना ही त्योहारों की मूल संवेदना है। मेरा मानना है कि...Read More
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राजनीति का विकास
अंतिम अपडेट: 6:19 am
अनूप के त्रिपाठी वर्तमान राजनीति की एक त्रासदी यह है कि इसके सरोकार बहुत हद तक सिनेमा के सरोकारों जैसे हो गए हैं।सिनेमा को लेके एक सवाल किया जाता है कि क्या सिनेमा समाज की प्रवृत्तियों को दर्शाता है या समाज सिनेमा की प्रवृत्तियों से प्रभावित होता है? जवाब 'हाँ'...Read More
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व्यक्तिवाद के साये में समाजवाद
अंतिम अपडेट: October 26, 2016 10:05 am
अनूप के त्रिपाठी 'व्यक्तिवाद' समाजवाद का सबसे बड़ा शत्रु है।राजनीति में विरासत और प्रतीकों का महत्वपूर्ण स्थान होता है,पर विरासत का सेहरा किसके सर बंधे,इसका उत्तर उन मूल्यों,आदर्शों,सिद्धांतों और संघर्षों को आगे बढ़ाने की योग्यता के आधार पर निकाला जाना चाहिए, साथ ही इस योग्यता का पैमाना उस अधिकारी के...Read More
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ट्रिपल तलाक़ फोबिया: वेश्याओं, शराब पीड़ितों और कन्या भ्रूण हत्या के बारे में कब होगी बात ?
अंतिम अपडेट: October 17, 2016 5:56 pm
“वर्तमान में, भारत में वेश्यावृत्ति 40,000 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यापार हैं । कोई भी यह नहीं जानता की इस पैसे का क्या उपयोग किया जाता है । यह काला आगे अपराधों के एक दुष्चक्र को बढ़ावा देता है और इसके कारण समाज और अर्थव्यवस्था को कभी सही न हो...Read More
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महिलाओं के लिए बकरियां एटीएम से कम नहीं
अंतिम अपडेट: 4:11 pm
उत्तर प्रदेश : जिला बदायूं के गांव नैथू में दस महिलाओं के एक स्वयं सहायता समूह ने बकरी पालन का व्यापार शुरू किया है। ये महिलाएं अपनी बकरियों को एटीएम कार्ड कहकर पुकारती हैं। 120 महिलाओं के इस स्वयं सहायता समूह के पास ऋण सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद इतनी...Read More
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भुखमरी से निर्णायक लड़ाई की ज़रूरत – डॉ. मनीष पाण्डेय
अंतिम अपडेट: 3:47 pm
अभी हाल ही में सामने आये ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत की स्थिति काफी चिंताजनक है। इस रैंकिंग के 118 देशों की सूची में भारत का 97वां स्थान होने के बाद से भुखमरी की समस्या पर चर्चा शुरू हो गई। हालाँकि भुखमरी की समस्या में पहले...Read More
त्योहारों को भारतीयता का प्रतीक बनाना होगा
अंतिम अपडेट: October 27, 2016 6:39 am
काज़ी इमरान लतीफ़ जैसा की हम सब जानते हैं कि हम भारतीय बहुत ही उत्सवधर्मी प्रवृत्ति के होते हैं और उत्सव और त्योहार भारतीय संस्कृति की युगों पुरानी परंपरा है, दीपावली इसका सबसे उत्कृष्ट उदाहरण। जीवन में मिल-जुलकर आनंद पाना ही त्योहारों की मूल संवेदना है। मेरा मानना है कि...Read More
राजनीति का विकास
अंतिम अपडेट: 6:19 am
अनूप के त्रिपाठी वर्तमान राजनीति की एक त्रासदी यह है कि इसके सरोकार बहुत हद तक सिनेमा के सरोकारों जैसे हो गए हैं।सिनेमा को लेके एक सवाल किया जाता है कि क्या सिनेमा समाज की प्रवृत्तियों को दर्शाता है या समाज सिनेमा की प्रवृत्तियों से प्रभावित होता है? जवाब 'हाँ'...Read More
व्यक्तिवाद के साये में समाजवाद
अंतिम अपडेट: October 26, 2016 10:05 am
अनूप के त्रिपाठी 'व्यक्तिवाद' समाजवाद का सबसे बड़ा शत्रु है।राजनीति में विरासत और प्रतीकों का महत्वपूर्ण स्थान होता है,पर विरासत का सेहरा किसके सर बंधे,इसका उत्तर उन मूल्यों,आदर्शों,सिद्धांतों और संघर्षों को आगे बढ़ाने की योग्यता के आधार पर निकाला जाना चाहिए, साथ ही इस योग्यता का पैमाना उस अधिकारी के...Read More
ट्रिपल तलाक़ फोबिया: वेश्याओं, शराब पीड़ितों और कन्या भ्रूण हत्या के बारे में कब होगी बात ?
अंतिम अपडेट: October 17, 2016 5:56 pm
“वर्तमान में, भारत में वेश्यावृत्ति 40,000 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यापार हैं । कोई भी यह नहीं जानता की इस पैसे का क्या उपयोग किया जाता है । यह काला आगे अपराधों के एक दुष्चक्र को बढ़ावा देता है और इसके कारण समाज और अर्थव्यवस्था को कभी सही न हो...Read More
महिलाओं के लिए बकरियां एटीएम से कम नहीं
अंतिम अपडेट: 4:11 pm
उत्तर प्रदेश : जिला बदायूं के गांव नैथू में दस महिलाओं के एक स्वयं सहायता समूह ने बकरी पालन का व्यापार शुरू किया है। ये महिलाएं अपनी बकरियों को एटीएम कार्ड कहकर पुकारती हैं। 120 महिलाओं के इस स्वयं सहायता समूह के पास ऋण सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद इतनी...Read More
भुखमरी से निर्णायक लड़ाई की ज़रूरत – डॉ. मनीष पाण्डेय
अंतिम अपडेट: 3:47 pm
अभी हाल ही में सामने आये ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत की स्थिति काफी चिंताजनक है। इस रैंकिंग के 118 देशों की सूची में भारत का 97वां स्थान होने के बाद से भुखमरी की समस्या पर चर्चा शुरू हो गई। हालाँकि भुखमरी की समस्या में पहले...Read More