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…. तो सपा का नगरपंचायत चुनाव में समीकरण बिगाड़ सकते हैं इरफ़ान मलिक, बात डुमरियागंज की है | Prabhav India
November 6, 2022 4:53 am
जीएच कादिर/प्रभाव इंडिया विशेष
डुमरियागंज-सिद्धार्थनगर । बीते दिनों डुमरियागंज के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री स्वर्गीय कमाल यूसुफ मलिक के लड़के इरफान मलिक ओवैसी की मीम को छोड़कर बसपा में शामिल हो गए हैं । उनके साथ ही पिछले नगर पंचायत चुनाव में बेहद करीबी मामले में हार का सामना करने वाले समाजवादी पार्टी के अतीक उर रहमान राइनी भी सपा छोड़कर छोड़कर बसपा में शामिल हो गए हैं । इन दोनों लोगों के बसपा में शामिल होने से जहां नगर पंचायत के चुनाव में नए राजनीतिक समीकरण का जन्म हुआ है वही इस बात की प्रबल संभावना है कि समाजवादी पार्टी के लिए नवसृजित नगरपंचायत भारत भारी और बढ़नी चाफा में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा । इस नगर पंचायत के चुनाव में राजनीतिक पंडित ऐसा मानते हैं कि एक जमाने में स्वर्गीय कमाल मलिक और स्वर्गीय तौफीक मलिक की आपसी प्रतिद्वंदिता से डुमरियागंज विधानसभा में दो ग्रुप बन गए थे । यदि इरफान मलिक उसी पद चिन्हों पर चलते हैं तो वह दिन दूर नहीं जब उसी तरह का समीकरण एक बार फिर देखने को मिलेगा । ऐसा माना जा रहा है कि डुमरियागंज के मौजूदा चेयरमैन ज़फ़र अहमद, जो बसपा के टिकट पर जीते थे वर्तमान में समाजवादी पार्टी में सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं । उनके लिए इरफान मलिक और अतीक उर रहमान रानी का गठजोड़ काफी चुनौतियां खड़ी कर सकता है । क्योंकि यह सर्वविदित है की बसपा का कोर वोटर डुमरियागंज में 2022 के विधानसभा चुनाव में भी नहीं खिसका जहां सीधा मुकाबला हिंदू बनाम मुसलमान का देखने को मिला था । ऐसे में यह प्रबल संभावना है कि अतीक उर रहमान राईनी यदि बसपा से चुनाव लड़ते हैं तो उनके ऊपर इरफान मलिक का हाथ होना काफी मायने रखता है ।क्योंकि समाज में उनके राजनीतिक घराने का बड़ा असर है । अब यह तो वक्त बताएगा की क्या होता है ?लेकिन तमाम कयास लगाए जा रहे हैं कि मौजूदा चेयरमैन ज़फ़र अहमद बब्बू के लिए आने वाला चुनाव काफी चुनौतियों भरा होगा । साथ ही साथ बढ़नी चाफा और भारत भारी के नगर पंचायत चुनाव में भी सपा को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है ।