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UP : हल्लौर में अलविदाई नौहा व मातम के साथ खत्म हुआ अय्यामे अज़ा | Prabhav India
October 5, 2022 1:08 pm
जीएच कादिर / प्रभाव इंडिया
डुमरियागंज क्षेत्र के कस्बा हल्लौर में इमाम हसन असकरी अस. का मनाया गया शहादत दिवस
घरों व चौक पर रखे गए ताजिया को उत्तर दिशा में स्थित कर्बला पर किया गया दफ़न
सिद्धार्थनगर । डुमरियागंज क्षेत्र के शिया बाहुल्य कस्बा हल्लौर सहित अन्य गांव में सवा दो माह मनाए जाने वाले माहे मोहर्रम के अंतिम दिन हजरत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम के शहादत दिवस पर मंगलवार की रात्रि कस्बे के घरो व चौक पर ताजिया रखे गए। लोगों द्वारा मजलिस नौहा व मातम कर रखे गए ताजिया के सामने फातिहा दिलाया गया।
बुधवार सुबह दो अलग अलग इमामबाड़ा से अंजुमन गुलदस्ता मातम व अंजुमन फरोग मातम के बैनर तले मातमी जुलूस बरामद किया गया। जिसमें जुलजनाह व अमारी की शबीह भी निकाली गई। सुबह से लेकर शाम तक गांव की गलियों में भ्रमण कर लोगों ने जियारत किया। सायं 6 बजे दोनों अंजुमने अलविदाई नौहा मातम करते हुए हल्लौर के उत्तर तरफ स्थित कर्बला पहुंची। जहां पर आयोजित मजलिस को खिताब करते हुए जाकिरे अहलेबैत जमाल हैदर ने कहा कि 14 सौ साल पहले सऊदी अरब के (इराक) कर्बला में दस मोहर्रम के दिन इमाम हुसैन व 71 साथियों को बेरहमी से शहीद कर दिया गया था। तभी से उनके मानने वाले 2 महीना 8 दिन माहे मोहर्रम के रूप में मनाते हुए शहीदों को पुरसा देते हैं। बुधवार आठ रबीअव्वल को ग्यारहवें इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत दिवस के साथ अय्यामें अजा खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि हज़रत मोहम्मद साहब के निर्देश पर इमाम हुसैन अस.ने दुनिया में दीन इस्लाम को फ़ैलाने के लिए अपनी व अपने साथियों की कुर्बानी दी है। जिसको रहती दुनिया याद करती रहेगी। इस दौरान दर्जनों अकीदतमंदो की मौजूदगी रही।
पूरे सवा दो महीने अय्यामे अज़ा के दौरान हल्लौर कस्बे में कई शब्बेदारियां आयोजित की गई, मजलिसे आयोजित की गई जिसमें अंजुमन फरोग मातम के सेक्रेट्री तस्कीन हैदर रिज़वी और अंजुमन गुलदस्ता मातम के सेक्रेट्री काजिम रज़ा की भूमिका बेहद शानदार रही जिनके सुपर विजन में तमाम प्रोग्राम शांति और अकीदत के साथ एखतेताम हुए । इसके साथ ही लल्ला अपट्रॉन, कसीम रिज़वी, कामियाब बबलू, नफीस हल्लौरी, बेताब हल्लौरी, अज़ीम हैदर लल्ला, आसिफ नेता, शराफत रिज़वी, हसन जमाल, वज़ीर विलियम आदि की भी भूमिका काफी यादगार रही ।