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Exclusive : डुमरियागंज संसदीय क्षेत्र में डॉक्टर अय्यूब की इंट्री से गरमाया सियासी पारा : प्रभाव इण्डिया
November 22, 2018 1:29 pm
जीएच कादिर
सिद्धार्थनगर । आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर डुमरियागंज संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की नेताओं में प्रबल इच्छा जागृत हो चुकी है , विशेषकर संभावित गठबंधन से कंडीडेट होना बेहद मुफीद माना जा रहा है । वैसे भाजपा के कंडीडेट को भी लेकर गाहे बगाहे हवाएँ उड़ती रहती हैं कि कौन चुनाव लड़ सकता है । लेकिन, सबसे ज़्यादा मारा-मारी संभावित गठबंधन के प्रत्याशी को लेकर है । वैसे भी सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए यह संसदीय सीट हमेशा से आकर्षण का केन्द्र रही है क्योंकि यह सीट देश में 22वीं ऎसी है जहाँ मुस्लिमों की सर्वाधिक संख्या है । इसी को ध्यान में रखते हुए संभावित गठबंधन का प्रत्याशी होना नेताओं में होड़ पैदा किये हुए है । पहले से ही सपा के माता प्रसाद पांडेय व चिनकू यादव, काँग्रेस के मोहम्मद मोक़ीम, बसपा के आफ़ताब आलम क्षेत्र में मेहनत कर रहे हैं । अब एकाएक पीस पार्टी के डॉक्टर अय्यूब की क्षेत्र में दमदार इंट्री ने कईयों के कान गरम और खड़े कर दिए हैं । सवाल यह उठता है कि गठबंधन का प्रत्याशी कौन होगा ? इस पर कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि गठबंधन हुआ तो उसका प्रत्याशी सीधे भाजपा से लड़ाई में आ जायेगा और उसकी जीत की संभावना भी बढ़ जाएगी इसलिए इसका प्रत्याशी बनने का सपना सभी पाल रहे हैं । हालांकि अभी गठबंधन होगा या नहीं , स्पष्ट कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन बस्ती मण्डल की डुमरियागंज लोकसभा की सीट अभी से अत्यंत खास हो चुकी है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीस पार्टी यहाँ से चुनाव लड़ने के लिये प्रतिबद्ध है , अब देखना है कि डॉक्टर अय्यूब की उपस्थिति से किसके सपनों में खलल पैदा होता है, या उनका ही ख्वाब अधूरा रह जाता है । वैसे एक छुपे रुस्तम को भी नकारा नही जा सकता है कि यदि शिवपाल यादव की समाजवादी सेक्युलर पार्टी से कोई उम्मीदवार चुनाव मैदान में आ जाता है तो अन्य सेक्युलर पार्टीयों का क्या होगा ? क्योंकि इस पार्टी के संस्थापक सदस्यों में कद्दावर मुस्लिम नेता और पाँच बार के विधायक कमाल यूसुफ भी अपने राजनीतिक गुणा भाग में माहिर माने जाते हैं ।तस्वीर शायद ग्यारह दिसम्बर के बाद ही साफ हो जाएगी ।